अंजाम-ए-मोहब्बत हुआ इस कदर
वो डूब ना सके, हम तैर ना सके
वो डूब ना सके, हम तैर ना सके
मधुर शीळ मी वार्याची, पावसाची मी सन्ततधार, सडा पाडतो गीतांचा, मी शब्दांचा जादूगार....
अकबर बिरबल ( बँक व्हिजीट ) ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------...
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