दुवा और फरियाद
अक्सर जुडी हुई होती है
"निगाहे करम हो यार का"
इसमे से जो निकलती है
वो तो बस खुदा ही जानता है
- संदीप चांदणे
अक्सर जुडी हुई होती है
"निगाहे करम हो यार का"
इसमे से जो निकलती है
वो तो बस खुदा ही जानता है
- संदीप चांदणे
मधुर शीळ मी वार्याची, पावसाची मी सन्ततधार, सडा पाडतो गीतांचा, मी शब्दांचा जादूगार....
बूंद की गाथा. बूंद जो मेघ से मय तक पहुंची. यह एक बूंद की गाथा है जो इस पृथ्वीपर मौजूद हर सजीव के जीवन का अविभाज्य भाग हैं. आमतौर पर इसे देखा...
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