Thursday, December 14, 2023

मेरे यार मोमीन

उम्मीद का दिया धर हाथोंमे
और आंखोमे भरकर यकीन
बढो, के दो कदमपर तस्लीम
मंजील है तेरी, मेरे यार मोमीन

हातिम हो तदबीर-ए-हुनर हो
ऐ नूर-ए-नजर हमनशीन
फर्माओ हाकिम होकर तुम
तकरीर-ए-दिल, मेरे यार मोमीन

तक़र्रुब-ए-करम हो ता-हयात
हो नसीब इनायत-ए-सुखन
कोई शय तलब नहीं जमानेसे
सिवा तेरे, मेरे यार मोमीन

- संदीप भानुदास चांदणे (गुरूवार, १४/१२/२०२३)

नाकाम मुहब्बत का इनाम हो तुम

किसी नाकारा दुवा की इंतेहा हो तुम कयामत है के अभी तक जिंदा हो तुम सामने आती हो तो यकी नही आता लगता है खुली आंखो का सपना हो तुम अंजाम मुफ्लीस...