मधुर शीळ मी वार्याची, पावसाची मी सन्ततधार, सडा पाडतो गीतांचा, मी शब्दांचा जादूगार....
Thursday, January 5, 2023
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नाकाम मुहब्बत का इनाम हो तुम
किसी नाकारा दुवा की इंतेहा हो तुम कयामत है के अभी तक जिंदा हो तुम सामने आती हो तो यकी नही आता लगता है खुली आंखो का सपना हो तुम अंजाम मुफ्लीस...
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अकबर बिरबल (मोत्यांची शेती) -------------------------------------------------------------------------------------------------------------...
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Not everyone will follow you But, you keep walking... towards your goal Not everyone will listen to you But, you keep talking... until you y...
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तुझी याद येते आज इथे तू नसताना काही आठवून हसताना तू नाहीस हे उमजल्यावर तुझी याद येते! वर्षे सरली, लोटला काळ पण, जणू गोष्ट कालचीच...
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