मधुर शीळ मी वार्याची, पावसाची मी सन्ततधार, सडा पाडतो गीतांचा, मी शब्दांचा जादूगार....
Thursday, January 5, 2023
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अकबर बिरबल (बँक व्हिजीट)
अकबर बिरबल ( बँक व्हिजीट ) ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------...
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गारव्याची शाल मऊ अन स्वच्छ निरभ्र नभ निळे तृणपात्यांचा मऊ बिछाना रोज न असले सुख मिळे गंधाचा हलके शिडकावा ताटव्यातली करती कुसुमे मध्येच पिवळी...
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चंद्रावरची एक म्हातारी हळूच उतरून खाली आली कमरेत मोठा खोचून बटवा बोलली मला सूर्यावर पाठवा देईन तुम्हाला भरून सारे बटव्यामधले चमचम ता...
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सुनते थे हम, ये जिंदगी गम और खुशी का मेल है हमको मगर आया नजर ये जिंदगी वो खेल है कोई सब जीते, सब कोई हार दे अपनी तो हार है, यार मेरे, हां या...




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