Thursday, July 3, 2014

अंजाम

अंजाम-ए-मोहब्बत हुआ इस कदर
वो डूब ना सके, हम तैर ना सके

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नाकाम मुहब्बत का इनाम हो तुम

किसी नाकारा दुवा की इंतेहा हो तुम कयामत है के अभी तक जिंदा हो तुम सामने आती हो तो यकी नही आता लगता है खुली आंखो का सपना हो तुम अंजाम मुफ्लीस...