Monday, April 18, 2016

हाय! मी फूल झालो नाही!

मला माळलेच जात नाही,
हाय! मी फूल झालो नाही!

तगमगतो जरी रात्रीतून
हाय! मी चंद्र झालो नाही!

चाललोय मी ज्या वाटेवर
हाय! ती कुठेच जात नाही!

पटात उरला प्यादा-राजा
हाय! ती जीत म्हणवत नाही!

डोळ्यांनी देते कुणी हाक
हाय! ते माझे नाव नाही!

फिरूनी, वाटे आलो जरी
हाय! ते माझे गाव नाही!

वाती इथल्याच चेतवाया
हाय! 'संदीप' झालो नाही!

- संदीप चांदणे (१७/४/२०१६)

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