Thursday, July 1, 2021

जडे रहो


अटल अचल विश्वास, रख अपने आपमें
हो भले अकेले तुम, जहां भी हो खडे रहो
कोई न गिरा सकेगा बस तुम जो करो यहीं
धरती के कण कण से जुडे रहो, जडे रहो

- संदीप चांदणे (बुधवार, ३०/६/२०२१)

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खुदा ही बन जाते

एक खयाल यूं हैं, अगर बन पाते तो खुदा ही बन जाते काफीर हूं इसीलिए दुवामें हाथ नहीं उठाये जाते  - संदीप भानुदास चांदणे (गुरूवार , १७/१०/२०२४)