Wednesday, October 16, 2024

खुदा ही बन जाते

एक खयाल यूं हैं, अगर बन पाते तो खुदा ही बन जाते
काफीर हूं इसीलिए दुवामें हाथ नहीं उठाये जाते 

- संदीप भानुदास चांदणे (गुरूवार , १७/१०/२०२४)

No comments:

Post a Comment

नाकाम मुहब्बत का इनाम हो तुम

किसी नाकारा दुवा की इंतेहा हो तुम कयामत है के अभी तक जिंदा हो तुम सामने आती हो तो यकी नही आता लगता है खुली आंखो का सपना हो तुम अंजाम मुफ्लीस...